बीबीसी टाइम्स इन उज्जैन 06 नवम्बर 2021
उज्जैन। उज्जैन के अंकपात मार्ग स्थित राम जनार्दन मंदिर के पास प्राचीन धर्मराज चित्रगुप्त मंदिर पर अयोध्या से लाई गई धर्म ध्वजा कायस्थ समाज के गणमान्य जनों व मंदिर समिति के सदस्यों द्वारा मंदिर के शिखर पर लहराई गई।मान्यता है की हजारों सालों की तपस्या से ब्रह्मा जी की काया से अवंतिका नगरी में चित्रगुप्त जी की उत्पत्ति हुई थी ।मां शिप्रा नदी से मात्र कुछ दूरी पर चित्रगुप्त का प्राचीन मंदिर कायस्थ समाज का तीर्थ स्थल भी है ।कहा जाता है कि भगवान श्रीराम ने राज्याभिषेक के समय चित्रगुप्त जी को नहीं बुलाया। तो उन्होंने अपनी कलम रख दी थी ।अभिषेक के उपरांत जब भगवान श्री राम ने पूछा कि चित्रगुप्त जी नहीं आए तो उन्हें बुलाया गया ।अतः मान्यता के अनुसार समाज जनों के द्वारा दीपावली के दिन अपनी कलम दवात रख दी जाती हैं वहीं भाई दूज के दिन फिर पूजा कर अपना कार्य प्रारंभ करते हैं।
प्रति वर्ष मान्यता के अनुसार प्रातः 6:00 बजे से लेकर रात्रि तक यहां हजारों की संख्या में दीपदान करते हैं एवं रात्रि को महा आरती के समय हजारों की संख्या में भक्तगण उपस्थित हो कर आराधना करते हैं। इस वर्ष चित्रगुप्त के मंदिर पर अयोध्या से आई ध्वजा को शिखर पर पूजन अर्चन कर लहराईं गई।
उक्त जानकारी श्री चित्रगुप्त सार्वजनिक मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव ने दी ।इस अवसर पर निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव, निखिलेश खरे ,सुनीता श्रीवास्तव, बृजेश श्रीवास्तव ,डॉ चंद्रमोहन श्रीवास्तव त्रिलोक निगम आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।