Thu. Jun 19th, 2025

*तुषार शर्मा की रिपोर्ट*

*B B C टाइम्स इन* रतलाम 29 अक्टूबर शहर में नगर निगम के कर्मचारियों ने खफा होकर अपने ही उच्च अधिकारी नगर निगम आयुक्त श्री सोमनाथ झारिया के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया , कर्मचारियों ने जनता के चहेते शहर विधायक चेतन्य काश्यप के समक्ष अपनी आप बीती सुनाई । निगम कर्मचारियों ने लिखित आवेदन सौपा कर कर्मचारियों के साथ हो रहे गलत व्यवहार और प्रताड़ना से परेशान होकर अपना विरोध दर्ज करवाया ।

जानकरी अनुसार निगम कर्मचारियों ने विधायक चेतन्य काश्यप को ज्ञापन सौपा ज्ञापन में बताया गया की निगम कर्मचारियों के साथ निगम आयुक्त के द्वारा स्वयं तथा निगम के विभागीय अधिकारियों के माध्यम से कर्मचारियों को अनावश्यक प्रताड़ित कर रहे है। निगम आयुक्त द्वारा कर्मचारियों को बिना सूचना पत्र और बिना स्पष्टीकरण के निलंबित किया जा रहा है । 15 दिवस तक का वेतन काटा जा रहा है तथा जिस कारण कर्मचारियों को अपने परिवार को आर्थिक स्थिति के संकट से झुझना पड़ता है । निगम आयुक्त के कर्मचारियों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार से समस्त कर्मचारियों में असंतोष और आक्रोश व्याप्त है ।

निगम कर्मचारियों द्वारा इन मुख्य मांगो को लेकर ज्ञापन दिया गया

जो निम्नविनियमित हुवे कर्मचारियों को आडिट विभाग से प्राप्त अभिमत अनुसार दिनांक 01 सितम्बर 2016 से 06 अक्टूबर 2017 तक की समयावधि के वेतन अंतर की राशि का भुगतान किया जायें ।

शासन के अन्य विभागों में उक्त वेतन अंतर की राशि का भुगतान किया जा चुका है : प्रकरण विगत तीन वर्षों से लंबित |

निगम में विगत तीन वर्षों पूर्व दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को शासन के आदेशानुसार विनियमित किया गया था तब से ही उक्त कर्मचारियों के वेतन से सी.पी.एफ. राशि काटी जा रही है परंतु निगम द्वारा आज पर्यन्त उक्त कर्मचारियों के सी.पी.एफ. नहीं गये । ऐसी अवस्था में जिन विनियमित कर्मचारियों की सेवा में रहते हुवे मृत्यु हुई है उनके परिवार को आर्थिक हानि हुई है तथा भविष्य में भी अन्य कर्मचारियों के साथ ऐसी घटना होने की संभावना है , अतः निगम कर्मचारियों के सी.पी.एफ. खाते खोले जाना अपेक्षित है : – प्रकरण विगत तीन वर्षों से लंबित

तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों की पूर्ति व्यापम से भर्ती की जगह निगम के विनियमित एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों से की जायें ।

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को साप्ताहिक रेस्ट तथा आकस्मीक अवकाश का लाभ दिया जायें । वर्ष 2016 तक के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विनियमित किया जायें ।
निगम कर्मचारियों पर कार्य के दौरान हो रहे हमले के दोषियों को कड़ी सजा दिलवायी जायें ।

शासन के आदेश दिनांक 09.12 2019 अनुसार विनियमित किये गये कर्मचारियों को वरियता के मान से चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति दी जायें : – प्रकरण में कार्यवाही अपेक्षित है ।

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को योग्यता एवं लिये जा रहे कार्य के अनुसार अर्द्धकुशल कुशल / उच्च कुशल श्रेणी का वेतन भुगतान किया जायें : पीड़ित कर्मचारियों द्वारा निगम प्रशासन से कई बार गुहार लगाई गई ।

पात्रता प्राप्त शेष रहे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का विनियमितिकरण होना शेष है

इस अवसर पर कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर,महासचिव कुलदीप भट्ट,दीपक शर्मा आदि कर्मचारियों यूनियन उपस्थित थे

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