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BBC टाइम्स इन उज्जैन 09 अक्टूबर 2021
उज्जैन। शहर के आगर रोड पर सिंहस्थ 2016 मे 93 करोड़ की लागत से बने चरक मातृ एवं शिशु अस्पताल मे गंदगी एवं अव्यवस्थाओं का भारी अंबार लगा हुआ है अस्पताल परिसर में ही कई जगह गंदगी फैली हुई है शौचालयो मे भी गन्दगी पसरी पड़ी है,नलो की टोटीया तक गायब हो चुकी है जिससे गन्दा पानी बहते हुए बाहर तक आ रहा है,डस्टबीन तक कचरे एवं गन्दगी से भरे पड़े है,सफाईकर्मी तक नदारद है,अस्पताल मे जब बीबीसी टाइम्स इन की टीम वहा पहुची ओर अधिकारियो से जब इस विषय पर बात की तो सभी जन एक दुसरे पर लापरवाही धोलते हुए दिखे।

जानकारी मे सामने आया की अस्पताल मे हाउसकीपिंग का ठेका संजय अग्रवाल को दिया गया है जिसके द्वारा अस्पताल में सुपरवाइजर नियुक्त किए गए हैं जोकि प्रत्येक शिफ्ट में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाते हैं लेकिन जांच करने पर ड्यूटी से कई कर्मचारी भी नदारद दिखे केवल कुछ महिलाएं ही सफाई एवं स्वीपिंग का कार्य देख रही थी 6 मंजिला बने संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में प्रतिदिन मरीजों का आना जाना लगा रहता है लेकिन अस्पताल में मरीजो की सुरक्षा एवं सुविधा के लिए कोई भी इंतजाम नहीं है,

मरीजों से चर्चा में उन्होंने बताया कि सफाई कर्मी सफाई कार्य नहीं करते हैं स्टाफ नर्स व अन्य को शिकायत करने पर उल्टा हमें ही साफ सफाई रखने की हिदायत दे जाते हैं जिससे मरीज गंदगी मैं इलाज कराने को मजबूर है
बना हुआ है डेंगू का खतरा
6 मंजिला बने चरक भवन में कुल 450 बिस्तरो की सुविधा है लेकिन जब BBC टाइम्स इन के द्वारा जांच की गई तो पाया की कई बिस्तरो के फोम तक फट चुके थे , पलंगो पर चादर तक नही थी मरीज एसे ही टूटे एवं फटे बिना चादर बिच्छे हुए बिस्तरो पर ईलाज करवाने को मजबुर थे।

शौचालयो मे पानी जमा होने व गन्दगी से मच्छर पनपते है जिससे मरीजो एवं उनके परिजनो मे भी डेंगू का खतरा बना हुआ है अभी हाल ही मे कलेक्टर के आदेश से अस्पताल मे ही डेंगू वार्ड बनाया गया है ।मरीजो की सुविधा एवं सुरक्षा के लिहाज से यहा कोई सिक्योरिटी गॉर्ड तक नही था,नाम न छापने की शर्त पर कर्मचारियो ने बताया की ठेकेदार द्वारा सफाई कर्मियो को उचित वेतन तक नही दिया जा रहा है और जो वेतन दिया जा रहा है वह भी कलेक्टर रेट से बहुत ही कम है ऐसे में आए दिन कर्मचारी बदल दिए जाते हैं जिससे सफाई व्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ता है उक्त विषय पर जब ठेकेदार से फोन पर चर्चा करना चाही तो उन्होंने फोन तक उठाना उचित नहीं समझा।

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