खेल दिवस पर वीर जीजा माता पुरस्कार समारोह का आयोजन
*B B C टाइम्स इन* रतलाम 29 अगस्त 2021। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती पर क्रीड़ा भारती जिला रतलाम ने समारोह आयोजित कर 16 खेलों के राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को वीर जीजा माता पुरस्कार से सम्मानित किया। खेल दिवस पर हुए इस समारोह को सम्बोधित करते हुए क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष एवं विधायक चेतन्य काश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने खेलों के सर्वोच्च पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद के नाम किया है। इससे क्रीड़ा भारती गौरवान्वित है। समारोह में सांसद गुमानसिंह डामोर विशेष रूप से उपस्थित रहे।
श्री काश्यप ने कहा कि मेजर ध्यानचंद का नाम जिस उपलब्धि के लिए याद किया जाता है, उसे 90 वर्ष बीतने के बाद भी फिर से हांसिल नहीं किया जा सका है। मेजर ध्यानचंद का खेल ही नहीं देशभक्ति का जज्बा भी जबर्दस्त था। उन्होंने जर्मनी से खेलने के हिटलर के प्रस्ताव को ठुकरा कर भारत से ही खेलने की घोषणा करते हुए अपनी अद्भूत देशभक्ति दिखाई थी।
श्री काश्यप ने कहा कि जीजा माता वीर शिवाजी की माताजी थी और जिस प्रकार उन्होंने शिवाजी को संस्कारित किया था, उसी प्रकार हमारे खिलाड़ियों को उनके माता-पिता संस्कारित करते है, इसलिए क्रीड़ा भारती की स्थापना के साथ ही वीर जीजा माता के नाम पर यह पुरस्कार दिया जा रहा है। क्रीड़ा भारती का उद्देश्य खेल भी जीवन में संस्कार के रूप में शामिल करने का है, क्योंकि खेलों से शारीरिक ही नहीं अनुशासन की वृत्ति बनती है। उन्होंने कहा कि रतलाम में मेडिकल कॉलेज के आगे भूमि स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए आवंटित की गई है। सांसद श्री डामोर इसके लिए खेलों इंडिया योजना के तहत 18 करोड़ के बजट से कॉम्प्लेक्स निर्माण की योजना स्वीकृत करवाएं। आरंभ में क्रीड़ा भारती के जिलाध्यक्ष डॉ. गोपाल मजावदिया ने स्वागत भाषण दिया। अतिथियों का स्वागत क्रीड़ा भारती के प्रादेशिक सदस्य अशोक जैन लाला, जिलाध्यक्ष डॉ. मजावदिया, जिला खेल अधिकारी रूबिका दिवान ने किया। संचालन क्रीड़ा भारती जिला सचिव अनुज शर्मा द्वारा किया गया।
विधायक काश्यप जैसा नेतृत्व मिलना सौभाग्यशाली – सांसद डामोर
वीर जीजा माता पुरस्कार में सांसद गुमानसिंह डामोर ने कहा कि शासन वही करता है, जो अनुशासन में रहता है और अनुशासन खेलों से आता है। वीर जीजा माता ने शिवाजी को जो संस्कार दिए थे, वही संस्कार हमारे खिलाड़ियों को उनके माता पिता दें। इससे वे अपना व देश का नाम रोशन करेंगे। श्री डामोर ने कहा कि उन्होंने कई पैसे वाले लोगों को देखा, जो अपने या अपने परिवार के लिए पैसों का उपयोग करते है, लेकिन श्री काश्यप ऐसे व्यक्ति है, जो समाज के उत्थान के लिए पैसों का उपयोग कर रहे है। यह क्षेत्र सौभाग्यशाली है कि उसे श्री काश्यप जैसा नेतृत्व मिला है। उन्होंने कहा कि वनवासी क्षेत्र में खेलों के विकास के लिए श्री काश्यप के सहयोग एवं क्रीड़ा भारती के माध्यम से खेल समितियां बनाकर खिलाड़ियों को जोड़ा जाएगा।
इन्हें मिला वीर जीजा माता पुरस्कार
मोहित तंवर (क्रिकेट-राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व) माता शालिनी पिता राजेन्द्रसिंह, श्रेयस शर्मा (बेडमिंटन-राज्य स्तरीय) संगीता शर्मा- वेनी माधव शर्मा, रिजुल अग्रवाल (शुटिंग-रायफल-राज्य स्तरीय) वंदना अग्रवाल-ओम अग्रवाल, मेघा सिंह (स्केटिंग-राष्ट्रीय) पंकजसिंह-रणवीरसिंह, धनंजय यादव (फुटबॉल-जुनियर राष्ट्रीय) हेमलता यादव-रामकुमार यादव, श्रुति गुप्ता (मलखम्ब-राष्ट्रीय) किरण गुप्ता-जितेन्द्र गुप्ता, नमन डफरिया (शतरंज-सब जुनियर राष्ट्रीय) रेनी डफरिया -प्रखर डफरिया, कृष टांक (कुश्ती-राष्ट्रीय) रानी टांक-मनोज टांक, सुमित पालड़िया (खो-खो-राष्ट्रीय) राधा-पंकज पालड़िया, कालूसिंह (कबड्डी-राष्ट्रीय) शांतिबाई-भुरासिंह डामोर, शेखर मालवीय (व्हॉलीबॉल-राष्ट्रीय) आशा-जगदीश मालवीय, आन्या यादव (टेबल टेनिस-राष्ट्रीय) रिया-रविन्द्र यादव, विक्की पण्ड्या (हॉकी-अंतर्राष्ट्रीय) सीमा-संजय पण्ड्या, काजल परिहार (तैराकी-राज्य स्तरीय) सीमा-सत्यनारायण परिहार, तरन्नुम मंसूरी (एथलेटिक्स-राष्ट्रीय) मेहनाज मंसूरी- मो.युनूस एवं जयेश राठौड़ (बॉस्केटबॉल-सब जूनियर राष्ट्रीय)।